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यादों के झरोखे से लेखनी कहानी -14-Nov-2022 भाग 1


            शीर्षक :- यादों के झरोखे से
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                    बर्ष 2022 के जाने में अब  कुछ ही दिन शेष है । उसके बाद यह बर्ष भी अपनी अनेक प्रकार की भूली बिसरी यादे छोड़कर  चला यजायेगा और यह बर्ष भी औरों की तरह भूतकाल अर्थात  बीते हुए बर्षौ की गिनती मे स्थापित हो जायेगा।

      बर्ष 2021  को याद करके भी वदन में कपकपी आजाती है  उस समय पूरे देश मे करौना ने हाहाकार मचा रखा था परिवार के सदस्य एक दूसरे को छूकर डरते थे। कोई बाप  अपने बेटे की व बेटा बाप की अर्थी को कन्धा देने से डरता था ।

     जिस पत्नी ने इतना समय पति की हर अच्छे व बुरे दिनौ मे एक समान रूप से साथ दिया था वही पत्नी अपने पति के पास जाने से डरती थी।  यह करौना का इतिहास भी याद रखा जायेगा कि अपने ही अपनौ से दूर भागते थे। शायद ऐसा समय इतिहास में कभी भी नही आया होगा।

       बर्ष 2022  के आते आते कुछ शान्ति मिली थी। सभी ने राहत की सांस ली थी। अफवाहौ का बाजार तो 2022 में भी खूब गरमाता रहा था। परन्तु वैक्सीनेशन की रफ्तार सही रहने के कारण लोगौ का डर कम होता जारहा था।

        आवागमन के साधन भी  चलने लगे थे लोग एक दूसरे के पास आने लगे थे। लोगौ के दिल व मन से डर  निकलने लगा था। अब वह एक दूसरे के पास आने से भी नहीं डर रहे थे। अब पर्यटक स्थलौ पर भी भीड़ बढ़ने  लगी थी ।।

      वर्ष 2022 में लोग पर्यटक स्थलौ पर इस तरह जाने लगे जैसे जेल से छूटकर कैदी भागते है ।जिससे पर्यटक स्थलौ की भीड़ इतनी बढ़ गयी कि कहीं कहीं फर तो दर्दनाक हादसे भी होगये जैसे वृन्दावन के बिहारी जी के मन्दिर मे दो तीन ब्यक्तियौ की भीड़ की भगदड़ में भीड़ द्वारा कुचले गये।

         इसी तरह का हादसा राजस्थान के श्री खाटू श्याम  मन्दिर में भी हुआ।

      इस तरह मन्दिर की ब्यबस्था सम्भालने वाली कमैटी भी नही समझ सकी कि क्या किया जाय इतनी भीड़ को कैसे सम्भाला जाये।

      इस तरह कुछ दर्दनाक घटनाऔ ने हमें सोचने को मजबूर कर दिया।


# 2022 यादों के झरोखे से !

नरेश शर्मा " पचौरी "

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8 Comments

Radhika

09-Mar-2023 01:01 PM

Nice

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shweta soni

03-Mar-2023 10:23 PM

👌👌👌

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अदिति झा

03-Mar-2023 02:39 PM

Nice

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